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Ovary Meaning Explained in Hindi: ओवरी क्या है? लक्षण और उपचार

 

ओवरी, जिसे अंडाशय कहा जाता है, महिला प्रजनन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसका मुख्य कार्य अंडाणु (एग) का निर्माण करना और हार्मोन उत्पन्न करना होता है। यह पेल्विस क्षेत्र में स्थित होती है और प्रत्येक महिला के शरीर में दो ओवरी होती हैं। ये अंडाणु उत्पादन के साथ-साथ एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का निर्माण करती हैं, जो मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।

ओवरी की संरचना

ओवरी मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित होती है:

  1. कॉर्टेक्स (Cortex) – यह बाहरी भाग होता है, जो अंडाणुओं के विकास के लिए आवश्यक होता है।
  2. मेड्यूला (Medulla) – इसे ज़ोना वैस्कुलोसा भी कहा जाता है और यह ओवरी को पोषण प्रदान करता है।

ओवरी के कार्य

  1. अंडाणु उत्पादन – ओवरी हर माह अंडाणु उत्पन्न करती है, जिसे ओव्यूलेशन कहा जाता है।
  2. हार्मोन उत्पादन – ओवरी एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन बनाती है, जो महिला शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करते हैं।
  3. मासिक धर्म चक्र का नियंत्रण – यह महिला के मासिक धर्म को नियमित बनाए रखता है।

ओवरी द्वारा उत्पादित हार्मोन

  1. एस्ट्रोजन – यह अंडों के विकास, गर्भाशय और स्तनों के निर्माण में सहायक होता है।
  2. प्रोजेस्टेरोन – यह गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय को स्वस्थ बनाए रखता है।
  3. टेस्टोस्टेरोन – यह यौन इच्छा, बालों की वृद्धि और ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।

ओवरी के प्रकार

  1. बड़े ओवरी – जब ओवरी का आकार सामान्य से बड़ा हो जाता है, तो इसे बुल्की ओवरी कहते हैं।
  2. पके हुए अंडाशय – यह वह अवस्था होती है जब अंडाणु गर्भाशय में निषेचन के लिए तैयार होता है।
  3. बाइकोर्नुएट ओवरी – यह एक दुर्लभ जन्मजात स्थिति होती है, जिसमें ओवरी का आकार सामान्य से भिन्न होता है।
  4. पॉलीसिस्टिक ओवरी – इसमें ओवरी में कई छोटी-छोटी गांठें होती हैं, जिससे हार्मोनल असंतुलन और प्रजनन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।

ओवरी से जुड़ी समस्याएँ

  1. ओवेरियन कैंसर – यह ओवरी और फैलोपियन ट्यूब के आसपास असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि के कारण होता है।
  2. PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) – यह हार्मोन असंतुलन के कारण ओवरी में सिस्ट बनने की स्थिति है।
  3. एंडोमेट्रियोसिस – इसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत की कोशिकाएँ बाहर बढ़ने लगती हैं।
  4. पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (PID) – यह एक संक्रमणजनित समस्या है, जो प्रजनन तंत्र को प्रभावित कर सकती है।|

ओवरी की समस्याओं के कारण

  • हार्मोनल असंतुलन
  • अनियमित मासिक धर्म
  • आनुवांशिक कारक
  • धूम्रपान और शराब का सेवन
  • यौन संचारित रोग

ओवरी की समस्याओं के लक्षण

  • अनियमित मासिक धर्म
  • अत्यधिक दर्द और ऐंठन
  • गर्भधारण में कठिनाई
  • पेट में सूजन और दर्द
  • बार-बार पेशाब आने की समस्या

उपचार

ओवरी से जुड़ी समस्याओं का इलाज डॉक्टर की सलाह के अनुसार किया जाता है। कुछ उपचार विधियाँ इस प्रकार हैं:

  1. दवाइयाँ – हार्मोन संतुलन के लिए विभिन्न दवाओं का उपयोग किया जाता है।
  2. सर्जरी – गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

निष्कर्ष

महिला शरीर में ओवरी एक महत्वपूर्ण प्रजनन अंग है, जो अंडाणु और हार्मोन उत्पादन के लिए उत्तरदायी होती है। ओवरी से जुड़ी समस्याएँ महिला के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं। यदि कोई असामान्यता महसूस हो, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।